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Q) ‘प्रेमचंद के फटे जूते गय की किस विधा की रचना hai

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Q. मैना के साथ निम्न में से किस जनरल की पुत्री पढ़ती थी?

Q. चंद्रकांत देवताले का जन्म कहाँ हुआ?

Q. माखनलाल चतुर्वेदी जी ने किस पत्रिका का संपादन किया?

Q. मोको कहाँ ढूँढे बंदे, मैं तो तेरे पास में। ना मैं देवल ना मैं मसजिद, ना काये कैलास में। ना तो कौने किया-कर्म में, नहीं योग वैराग में। खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं, पल भर की तालास में। की कबीर सुनो भाई सायो, सब स्वासों की स्वोस में।। ईश्वर कहाँ रहता है?

Q. जाबिर हुसैन के साहित्य में किस साहित्यिक विधा के दर्शन होते हैं?

Q. महादेवी वर्मा को काव्य प्रतियोगिता में क्या मिला था?

Q. हरिशंकर परसाई का जन्म कब और कहाँ हुआ?

Q. ‘जेब टटोलने’ का प्रतीकार्थ है?

Q. ‘दर्शन’ को मैं जो यहाँ विशेषरूप से दर्शनीय बनाकर लिख रहा हूँ. उसका कारण यह है कि गुरुदेव के पास जब कभी मैं जाता था तो प्रायः वे यह कहकर मुस्करा देते थे कि ‘दर्शनार्थी हैं क्या?’ शुरू-शुरू में मैं उनसे ऐसी बंगला में बात करता था, जो वस्तुतः हिन्दी-मुहावरों का अनुवाद हुआ करती थी। किसी बाहर के अतिथि को जब मैं उनके पास ले जाता था तो कहा करता था, ‘एक भद्र लोक आपनार दर्शनेर जन्य ऐसे छेना’ यह बात हिन्दी में जितनी प्रचलित है, उतनी बंगला में नहीं। इसलिए गुरुदेव जरा मुस्करा देते थे। बाद में मुझे मालूम हुआ कि मेरी यह भाषा बहुत अधिक पुस्तकीय है और गुरुदेव ने उस ‘दर्शन’ शब्द को पकड़ लिया था। लेखक किस तरह की भाषा का प्रयोग करते थे?

Q. चिड़िया को कवि ने क्या कहा है?