Home / Class wise MCQs / 9th Class / Hindi Kshitij / बच्चे काम पर जा रहे हैं / Question

Q)  बच्चों की इस दयनीय स्थिति के बारे में क्या प्रश्न होना चाहिए?

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Q. चंद्रकांत देवताले ने पी.एच.डी. किस विश्वविद्यालय से की है?

Q. कबीर रास की रचनाएँ हमें मिलती हैं

Q. बच्चों का काम पर जाना किसके समान है?

Q. ‘नाना साहब की पुत्री मैना देवी को भस्म कर दिया गया’ पाठ किसने लिखा है?

Q. महादेवी जी की प्रारंभिक रचनाएँ किस पत्रिका में छपती थीं?

Q. आम मंजरी कैसी लग रही है।

Q. हमारी मानसिकता को कैसे तंत्र बदल रहे हैं?

Q. मोको कहाँ ढूँढे बंदे, मैं तो तेरे पास में। ना मैं देवल ना मैं मसजिद, ना काये कैलास में। ना तो कौने किया-कर्म में, नहीं योग वैराग में। खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं, पल भर की तालास में। की कबीर सुनो भाई सायो, सब स्वासों की स्वोस में।। लोग ईश्वर को कहाँ ढूँढते हैं?

Q. ललयद द्वारा रचित रचना को क्या कहते हैं?

Q. गधे को कभी क्रोध करते नहीं सुना, न देखा। जितना चाहो गरीब को मारो, चाहे जैसी खराब, सड़ी हुई घास सामने डाल दो, उसके चेहरे पर कभी असंतोष की छाया भी न दिखाई देगी। वैशाख में चाहे एकाध बार कुलेल कर लेता हो; पर हमने तो उसे कभी खुश होते नहीं देखा। उसके चेहरे पर एक विषाद स्थायी रूप से छाया रहता है। सुख-दुःख, हानि-लाभ, किसी भी दशा में उसे बदलते नहीं देखा। ऋषियों-मुनियों के जितने गुण हैं, वे सभी उसमें पराकाष्ठा को पहुंच गए हैं। पर आदमी उसे बेबकूफ कहता है। सद्गुणों का इतना अनादर कहीं नहीं देखा. गया कैसा प्राणी है।