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दीर्घ स्वर संधि

Filed under: Hindi on 2022-03-05 20:59:47
इसमें दो स्वर्ण या सजातीय स्वरों के बीच संधि होकर उनके दीर्घ रूप हो जाते है| अर्थात दो स्वर्ण स्वर मिलकर दीर्घ हो जाता हैं|

इस संधि के चार रूप होते है-

1 – अ/आ  +  अ/आ  =  आ

    अ + आ = आ
    अ + आ = आ
    आ + अ = आ
    आ + आ = आ

2 – इ / ई + इ / ई = ई

    इ + इ = ई
    इ + ई = ई
    ई + इ = ई
    ई + ई = ई

3 – उ / ऊ + उ / ऊ = ऊ

    उ + उ = ऊ
    उ + ऊ = ऊ
    ऊ + उ = ऊ
    ऊ + ऊ = ऊ

4 – ऋ + ऋ/ ऋ =  ऋ (सिर्फ संस्कृत में प्रयोग)

जैसे – पितृ + ऋण = पितृण
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