बंगाल की खाड़ी का मानसून अरब सागर वाले की अपेक्षा कुछ देर से आता है, पर उससे देश के अधिकतर भाग में वर्षा होती है. पहले वह अराकान तट पर पहुँचता है और तब असम की पहाड़ियों से होकर गुजरता है. हिमालत की स्थिति से इस मानसून को उत्तरी भारत में दक्षिण-पूर्वी बनना पड़ता है. फिर इसे उत्तर-पश्चिम में स्थित निम्नभार के क्षेत्र तक पहुँचना होता है, अतः पश्चिम दिशा की ओर इस मानसून का मुड़ना स्वाभाविक है. इस मानसून से वर्षा पश्चिम की ओर क्रमशः घटती जाती है.