Correct Answer - Option
(A)
Explanation:
हड़प्पा सभ्यता की समाज व्यवस्था उचित समतावादी (Proper Egalitarian) मानी जाती है।
कारण:
- सामाजिक वर्गों का स्पष्ट प्रमाण नहीं – हड़प्पा संस्कृति में समाज को वर्ण या जातियों में विभाजित करने के ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं, जैसा कि बाद की वैदिक सभ्यता में देखने को मिलता है।
- नगर योजना में समानता – मोहनजोदड़ो और हड़प्पा जैसे शहरों की वास्तुकला दर्शाती है कि अधिकांश लोग समान प्रकार के घरों में रहते थे, जिससे समाज में ज्यादा असमानता नहीं थी।
- कोई स्पष्ट दास प्रथा नहीं – मिस्र और मेसोपोटामिया की तरह हड़प्पा में दासता का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है।
- व्यापार और शिल्प का समान विकास – व्यापार, कृषि और शिल्पकारी सभी को समान रूप से महत्व दिया जाता था, जिससे सामाजिक समानता का संकेत मिलता है।
अन्य विकल्प गलत क्यों हैं?
❌ (B) दास श्रमिक आधारित – हड़प्पा सभ्यता में दास प्रथा के कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं।
❌ (C) वर्ण आधारित – वर्ण व्यवस्था वैदिक काल में विकसित हुई थी, हड़प्पा काल में इसका कोई उल्लेख नहीं मिलता।
❌ (D) जाति आधारित – जाति प्रथा के कोई प्रमाण नहीं हैं, जो बाद में वैदिक काल में उभरकर आई।
इसलिए, सही उत्तर है:
(A) उचित समतावादी