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Q) आबू का जैन मंदिर किससे बना है ?
Explanation:
आबू का जैन मंदिर, जिसे देलवाड़ा जैन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान के माउंट आबू में स्थित है। यह मंदिर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक पवित्र स्थल है और इसकी वास्तुकला एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करती है।
संगमरमर का उपयोग: इस मंदिर की प्रमुख विशेषता इसका निर्माण संगमरमर से हुआ है। संगमरमर एक प्राकृत, सफेद और चमकदार पत्थर होता है, जिसे भारतीय स्थापत्य कला में बहुत लोकप्रियता प्राप्त है। संगमरमर का उपयोग मंदिरों के निर्माण में वास्तुकला को और अधिक भव्य और सुंदर बनाने के लिए किया जाता है।
वास्तुकला: देलवाड़ा जैन मंदिर की वास्तुकला अत्यंत विस्तृत और जटिल है, जिसमें हर दीवार, छत और स्तंभ पर सुंदर नक्काशी की गई है। यह मंदिर दो प्रमुख भागों में बंटा हुआ है: 1) मुख्य मंदिर और 2) अन्य सहायक संरचनाएँ।
मंदिर के हर हिस्से में सजीव नक्काशी, मंदिर के शिल्पकला के ऊंचे मानक को दर्शाती है। मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर भगवान रिषभदेव, महावीर स्वामी और अन्य जैन तीर्थंकरों की मूर्तियाँ उकेरी गई हैं। संगमरमर की सफेदी और शिल्पकारी की भव्यता इस मंदिर को एक आदर्श वास्तुकला का उदाहरण बनाती है।
संगमरमर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व: संगमरमर, विशेष रूप से भारत में, धार्मिक स्थल बनाने के लिए एक पवित्र और शुद्ध सामग्री मानी जाती है। यह पत्थर न केवल मजबूत होता है बल्कि इसका रंग और चमक भी आध्यात्मिक वातावरण को संतुलित करने में मदद करते हैं।
इसलिए, आबू का जैन मंदिर संगमरमर से बना है, जो उसकी अद्वितीय सुंदरता और वास्तुकला का प्रमुख कारण है।